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मुंबई: विधानसभा चुनाव नतीजों में महायुति को स्पष्ट बहुमत मिला है। ऐसे में ये तय है कि अब वो ही मुख्यमंत्री बनेंगे तो वो चेहरा कौन है? इस पर अभी कोई आधिकारिक फैसला नहीं हुआ है। गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद भी मुख्यमंत्री पद पर अभी तक पेंच फंसा हुआ है। ऐसे में शिवसेना विधायक संजय शिरसाट ने एक बयान देकर बीजेपी की टेंशन बढ़ा दी है। शिरसाट ने कहा है कि अगर शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करते तो हमारी पार्टी का कदम क्या होगा? वह (शिंदे) शानिवार शाम तक इस बारे में बड़ा फैसला लेंगे।एकनाथ शिंदे गांव में
कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुरुवार को अमित शाह से मिलने दिल्ली गए। वहां से लौटे तो आज मुंबई में महायुति की अहम बैठक आयोजित की गई। हालांकि यह बैठक भी रद्द कर दी, क्योंकि एकनाथ शिंदे अचानक अपने गांव दारे चल गए। इसके चलते अब नई चर्चा शुरू हुई। दिल्ली में अमित शाह से चर्चा, फिर मुंबई में महायुति की बैठक और इस बीच शिंदे का सीधे दारे गांव जाना, यह बताता है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर सब कुछ ठीक नहीं है।
शनिवार को होगा बड़ा फैसला
संजय शिरसाट ने कहा कि अगर कोई राजनीतिक स्थिति होती है तो एकनाथ शिंदे सीधे अपने दारे गांव जाते हैं। वहां जाने के बाद उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाता है। उनका मोबाइल फोन भी वहां नहीं है। अगर वह राजनीतिक स्थिति के बारे में सोचना चाहें तो सोचें। वह दारे गांव को प्राथमिकता देते हैं। अगर वे कोई बड़ा निर्णय लेना चाहते हैं तो वे कल (शनिवार) शाम तक एक बड़ा निर्णय लेंगे।
सरकार गठन में देरी
दरअसल महाराष्ट्र के निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अपने पैतृक गांव जाने के कारण शुक्रवार को होने वाली महायुति की महत्वपूर्ण बैठक स्थगित हो गई। इसकी वजह से चुनाव परिणाम घोषित होने के एक सप्ताह बाद भी नई सरकार नहीं बन पाई है। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सूत्रों ने कहा कि अब महायुति की बैठक रविवार को मुंबई में होने की उम्मीद है। महायुति के सबसे बड़े घटक दल बीजेपी के नेताओं ने कहा कि वे विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों के आने का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि नई सरकार का शपथ ग्रहण अगले सप्ताह होने की उम्मीद है।
शुक्रवार को निर्धारित नहीं थी कोई बैठक
इस बीच शिवसेना नेता उदय सामंत ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि एकनाथ शिंदे नाराज हैं और इसी वजह से पैतृक गांव के लिए रवाना हुए हैं। दरअसल शिंदे ने गुरुवार रात नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि सरकार गठन के सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह के साथ बातचीत सकारात्मक रही और अगले दौर की चर्चा शुक्रवार को मुंबई में होगी। हालांकि बीजेपी सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार को महायुति नेताओं की कोई बैठक निर्धारित नहीं थी।
शिंद नहीं बनेंगे सरकार में बाधा
इससे पहले शिंदे दक्षिण मुंबई में मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास 'वर्षा' में थे, जहां उन्होंने पार्टी नेताओं और विधायकों समेत कई विजिटर से मुलाकात की। शिवसेना नेता शिंदे कई बार कह चुके हैं कि वह सरकार गठन में बाधा नहीं बनेंगे और अगले मुख्यमंत्री के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह के फैसले का पालन करेंगे।
बीजेपी को किसका इंतजार?
शिवसेना के कई नेता शिंदे से कह रहे हैं कि अगर बीजेपी उन्हें उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश करे तो वह स्वीकार कर लें। सूत्रों ने कहा कि हालांकि एक अन्य वर्ग का मानना है कि ढाई साल से अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने के बाद उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार करना उनके लिए सही नहीं होगा। बीजेपी विधायकों को विधायक दल की बैठक के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है, जिसमें वे अपना नेता चुनेंगे। सरकार गठन को लेकर दिल्ली में शाह से मुलाकात के बाद फडणवीस भी शुक्रवार को मुंबई लौट आए। सूत्रों ने कहा कि बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के नेताओं ने अनौपचारिक चर्चा की और राज्य इकाई केंद्रीय पर्यवेक्षकों के आगमन का इंतजार कर रही है।
कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुरुवार को अमित शाह से मिलने दिल्ली गए। वहां से लौटे तो आज मुंबई में महायुति की अहम बैठक आयोजित की गई। हालांकि यह बैठक भी रद्द कर दी, क्योंकि एकनाथ शिंदे अचानक अपने गांव दारे चल गए। इसके चलते अब नई चर्चा शुरू हुई। दिल्ली में अमित शाह से चर्चा, फिर मुंबई में महायुति की बैठक और इस बीच शिंदे का सीधे दारे गांव जाना, यह बताता है कि मुख्यमंत्री पद को लेकर सब कुछ ठीक नहीं है।
शनिवार को होगा बड़ा फैसला
संजय शिरसाट ने कहा कि अगर कोई राजनीतिक स्थिति होती है तो एकनाथ शिंदे सीधे अपने दारे गांव जाते हैं। वहां जाने के बाद उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाता है। उनका मोबाइल फोन भी वहां नहीं है। अगर वह राजनीतिक स्थिति के बारे में सोचना चाहें तो सोचें। वह दारे गांव को प्राथमिकता देते हैं। अगर वे कोई बड़ा निर्णय लेना चाहते हैं तो वे कल (शनिवार) शाम तक एक बड़ा निर्णय लेंगे।
सरकार गठन में देरी
दरअसल महाराष्ट्र के निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अपने पैतृक गांव जाने के कारण शुक्रवार को होने वाली महायुति की महत्वपूर्ण बैठक स्थगित हो गई। इसकी वजह से चुनाव परिणाम घोषित होने के एक सप्ताह बाद भी नई सरकार नहीं बन पाई है। शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के सूत्रों ने कहा कि अब महायुति की बैठक रविवार को मुंबई में होने की उम्मीद है। महायुति के सबसे बड़े घटक दल बीजेपी के नेताओं ने कहा कि वे विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों के आने का इंतजार कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि नई सरकार का शपथ ग्रहण अगले सप्ताह होने की उम्मीद है।
शुक्रवार को निर्धारित नहीं थी कोई बैठक
इस बीच शिवसेना नेता उदय सामंत ने इन अटकलों को खारिज कर दिया कि एकनाथ शिंदे नाराज हैं और इसी वजह से पैतृक गांव के लिए रवाना हुए हैं। दरअसल शिंदे ने गुरुवार रात नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि सरकार गठन के सिलसिले में केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह के साथ बातचीत सकारात्मक रही और अगले दौर की चर्चा शुक्रवार को मुंबई में होगी। हालांकि बीजेपी सूत्रों ने कहा कि शुक्रवार को महायुति नेताओं की कोई बैठक निर्धारित नहीं थी।
शिंद नहीं बनेंगे सरकार में बाधा
इससे पहले शिंदे दक्षिण मुंबई में मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास 'वर्षा' में थे, जहां उन्होंने पार्टी नेताओं और विधायकों समेत कई विजिटर से मुलाकात की। शिवसेना नेता शिंदे कई बार कह चुके हैं कि वह सरकार गठन में बाधा नहीं बनेंगे और अगले मुख्यमंत्री के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शाह के फैसले का पालन करेंगे।
बीजेपी को किसका इंतजार?
शिवसेना के कई नेता शिंदे से कह रहे हैं कि अगर बीजेपी उन्हें उपमुख्यमंत्री पद की पेशकश करे तो वह स्वीकार कर लें। सूत्रों ने कहा कि हालांकि एक अन्य वर्ग का मानना है कि ढाई साल से अधिक समय तक मुख्यमंत्री रहने के बाद उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार करना उनके लिए सही नहीं होगा। बीजेपी विधायकों को विधायक दल की बैठक के बारे में कोई सूचना नहीं मिली है, जिसमें वे अपना नेता चुनेंगे। सरकार गठन को लेकर दिल्ली में शाह से मुलाकात के बाद फडणवीस भी शुक्रवार को मुंबई लौट आए। सूत्रों ने कहा कि बीजेपी की महाराष्ट्र इकाई के नेताओं ने अनौपचारिक चर्चा की और राज्य इकाई केंद्रीय पर्यवेक्षकों के आगमन का इंतजार कर रही है।
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